कैसे उबरें रिश्तों की टूटन से
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कैसे उबरें रिश्तों की टूटन से

जितना रोना है, जी भरके रोएं।

कैसे उबरें रिश्तों की टूटन से

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में
ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे


इस शेर में क़तील शिफ़ाई साहब ने क्या ख़ूब कहा है। वाकई ये सच है कि प्यार ज़िंदगी को बेहद ख़ूबसूरत बना देता है, लेकिन इसके साथ-साथ ये भी उतना ही सच है कि अगर प्यार-मुहब्बत या फिर शादी का रिश्ता टूट जाए, यानी ब्रेकअप या डायवोर्स हो जाए तो उसका दर्द भी उतना ही होता है। अपने रिश्ते को तोड़ने या छोड़ने का फ़ैसला चाहे दोनों पार्टनर्स ने मिल-जुलकर आपसी रज़ामंदी से किया हो या ये किसी एक का फ़ैसला हो, दिलों पर असर तो पड़ता ही है। कुछ लोग भले ही ये कहते हों कि प्यार-मुहब्बत के जज़्बे तो पहले हुआ करते थे, जिसमें प्यार करने वाले न जाने क्या-कुछ कर गुज़रते थे। अब के ज़माने में वह बात कहां। ऐसे लोगों को ये समझने की ज़रूरत है कि ज़माना भले ही बदल गया हो, मगर दिल तो कल भी प्यार के नाम पर धड़क उठता था और आज भी टूटने पर बिखर जाता है। ये बात उनसे पूछिए, जिनके साथ ऐसा हुआ है। ब्रेकअप के बाद उनकी ज़िंदगी कितनी ठहर सी गई है। कोई ख़ुशी दिल को ख़ुश नहीं कर पाती। यहां तक कि ब्रेकअप के बाद कई बार तो लोग अपनी ज़िंदगी का मकसद तक खो बैठते हैं। ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़कर हालात को समझने की कोशिश करें, क्योंकि ये टिप्स हम नहीं, बल्कि देश के जाने-माने मनोवैज्ञानिक डॉ. समीर पारिख बता रहे हैं।

रोने को न रोकें

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जी हां, आपने सही पढ़ा है। अगर अपने ब्रेकअप को याद कर-करके आपको बार-बार रोना आता है और आप बार-बार आंसुओं को छिपाकर मुस्कुराने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें। जितना रोना है, जी भरके रोएं। इस ब्रेकअप को लेकर जितने आंसू आपने अपने दिल के कोने में छिपाकर रखें हैं, सभी बहा दीजिए। ऐसा न करने पर आप इस टूटन के दर्द से उबरने की चाहे जितनी कोशिश कर लें, मन का ग़ुबार कम नहीं होगा। हां, बस इतना ज़रूर कीजिएगा कि या तो आप अकेले में जी-भरकर लो लें या फिर किसी ऐसे के सामने, जिसके सामने रोने पर आपको कभी पछताना न पड़े। सबसे अच्छा तो यही है कि आप ख़ूब रोएं और ख़ूब नहाएं, यानी जी-भरकर शॉवर लीजिए। यकीन कीजिए, पानी की ठंडी बूंदें दिल के हर ग़ुबार को धो डालेंगी और किसी दूसरे के सामने आंसू बहाकर उनकी हमदर्दी लेने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी।

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एक का ग़म भुलाने को न लें दूजे का सहारा

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आजकल ये सोच बहुत देखने-सुनने को मिल जाती है कि अगर दिल टूट भी जाए तो क्या, लोगों की कोई कमी थोड़ी है! तू नहीं और सही, और नहीं और सही! इस बात को समझ लीजिए कि ऐसा करके आप अपनी तकलीफ़ पर कोई मरहम नहीं लगा रहे हैं, बल्कि एक नए जख़्म की तैयारी कर रहे हैं। दिखाने को चाहे आप जो दिखाएं, असल में आप अभी अपने पुराने रिश्ते की यादों से उबरे नहीं हैं। सो इस नए चेहरे में पुरानी मुहब्बत बार-बार झलकेगी। संभलिए। अपने-आप को थोड़ा वक्त दीजिए। इस सच को स्वीकारिए कि रिश्ते बनने में भी वक्त लगता है और उनके टूटने पर उबरने में भी, क्योंकि रिश्ते किसी स्विच से ऑपरेट नहीं होते।


अपने को वक्त दीजिए

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किसी ने कहा है कि जो इंसान ख़ुद अपना साथ देना सीख जाए, उसे फिर दुनिया की कोई शै अकेला नहीं कर सकती। आप भी ये हुनर सीख सकते हैं। याद कीजिए, कभी न कभी तो आपकी ज़िंदगी में कोई न कोई हॉबी, कोई न कोई टैलेंट या कोई न कोई शौक ऐसा होगा, जिसके रहते आपको लगता होगा कि आपको इसके अलावा और किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है, जैसेकि किताबें पढ़ने का शौक, धूमने का शौक, डांसिंग, सिंगिंग, ट्रैवलिंग, फोटोग्राफी, स्विमिंग या कोई गेम। कुछ तो ऐसा होगा, जिसकी धुन आपके सर चढ़कर बोलती थी। फिर बाद में आपने एक रिश्ते के लिए अपने हर शौक से नाता तोड़ लिया। अब वक्त है अपने-आप से टूटे रिश्ते से अपना नाता फिर से जोड़ने का।

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वह कीजिए, जो पहले न किया हो

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वह कौन सा काम है, जो आप अक्सर सीखना चाहते थे, मगर बात टलती गई। हो सकता है कि आप ड्राइविंग सीखना चाहते हों या स्विमिंग। कई बार शायद इरादा किया हो कि एडवेंचर गेम करना चाहेंगे। वह भी रह ही गया। बस तो फिर क्या है! बैग पैक कीजिए और निकल पड़िए ऐसे किसी शौक को पूरा करने। इससे आप एक नया आर्ट भी सीखेंगे और बदली जगह या नया शौक आपके ग़म को पूरा करने में भी मददगार साबित होगा। अगर आप एडवेंचर गेम के लिए जा रहे हों तो पूरी सावधानी ज़रूर बरतिएगा और ये गेम किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही कीजिएगा। याद रखिए, ज़िंदगी एक नेमत है और इसे सहेज-संवारकर रखना आपका फ़र्ज़।

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डायरी की मदद लें या काउंसलर की

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बहुत सारी समस्याएं हम अपने-आप सुलझा सकते हैं तो कुछ प्रॉबलम्स ऐसी भी होती हैं, जिन्हें सॉल्व करने के लिए किसी एक्सपर्ट की ज़रूरत होती है। अगर आप अपनी बातें किसी और से शेयर न करके अपने तक ही रखना चाहते हैं तो फिर डायरी लिखना आपके लिए बेस्ट सॉल्यूशन है। आप सोच रहे होंगे कि इतनी तेज़ी से डिजिटल होती दुनिया में डायरी में कौन लिखता है तो हम कहते हैं कि आप लिखकर तो देखिए। फ़र्क आपको ख़ुद पता चल जाएगा। राइटिंग सिर्फ़ मन हल्का करने या अपनी बातों को साझा करने का एक रास्ता ही नहीं है, बल्कि हो सकता है कि आपको अपने राइटिंग के छिपे हुए टैलेंट को पहचानने का मौका भी मिल जाए। अगर इतने से भी बात नहीं बन रही है, यानी कि कोई शै दिल को बहलाती नहीं तो हम आपको सुझाव देंगे कि आपको काउंसलिंग की ज़रूरत है। बिना वक्त गंवाए एक अच्छे काउंसलर से मिलिए, बाकी की राह वह आपको सुझाएंगे और आपकी मुश्किल को आसान बनाएंगे।