क्या करें अच्छी नींद के लिए
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क्या करें अच्छी नींद के लिए

अच्छी नींद का अच्छी सेहत में क्या योगदान होता है, इससे वाकिफ़ तो हम सभी होते हैं।

क्या करें अच्छी नींद के लिए

अच्छी सेहत में अच्छी नींद का कितना योगदान होता है, इससे हम सभी वाकिफ़ हैं। फिर भी कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें अच्छी नींद के लिए बड़ी कोशिश करनी पड़ती है, क्योंकि उन्हें नींद ही नहीं आती है। अगर नींद आती भी है तो वह ऐसी होती है कि या तो ज़रा-ज़रा सी देर में किसी न किसी वजह से टूट जाती है और बहुत गहरी नहीं होती है। ऐसे में ज़रूरी है कि इस समस्या के कारण समझने की और उनका समाधान करने की। तो आइए, सबसे पहले जानते हैं कि नींद न आने की समस्या असल में है क्या।

नींद न आने के कारण
रात को अच्छी नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसेकि मुमकिन है कि आप दिन में कई बार गहरी झपकियां ले लेते हैं या फिर आपको दिन में सोने की आदत है। इसके अलावा यह भी संभव है कि आप शारीरिक या मानसिक रूप से बहुत ज़्यादा थकते न हों। व्यायाम न करते हों। दिन भर में बहुत ज़्यादा चाय-कॉफी लेना भी नींद पर असर डालता है। सिगरेट वगैरह बहुत ज़्यादा पीना भी नींद को दूर भगाता है। अगर आप किसी ऐसे कमरे में सो रहे हैं, जिसमें लाइट बहुत ज़्यादा या बहुत तेज़ है या फिर आस-पास शोर-शराबा बहुत है, तब भी मान लीजिए कि नींद आपकी आंखों से दूर रहेगी।

Credit: CitySpidey

नींद न आने के कई कारणों में से एक बड़ा कारण आज की तनाव भरी दिनचर्या भी है। लोगों के पास चिंता करने या तनावग्रस्त रहने के इतने कारण हैं कि उनकी नींदें उड़ी रहती हैं। इसके अलावा देर तक टीवी देखना या मोबाइल फोन पर व्यस्त रहना भी अच्छी नींद पर असर डालता है। जिन लोगों का वर्क प्रोफाइल ऐसा है कि उन्हें अलग-अलग शिफ्ट्स में या फिर देर रात तक काम करना पड़ता है, वे भी इस समस्या का सामना करने को मजबूर रहते हैं। 

क्या कहते हैं इस रोग को
जी हां, आपने ठीक पढ़ा है। अगर नींद न आने, यानी अनिद्रा की समस्या देर तक बनी रहे तो यह रोग का रूप भी ले सकती है। अनिद्रा की इस समस्या को वैज्ञानिक रूप से ‘इंसोमनिया’’ के नाम से भी जाना जाता है। मूल रूप से इस रोग के दो प्रकार हैं। पहला- एक्यूट इंसोमनिया, समस्या के इस रूप में बहुत ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि यह किसी वक़्ती कारण के चलते थोड़े समय के लिए हो सकती है, जैसेकि किसी बात की चिंता होना, मूड ख़राब होना या किसी विशेष दवा के सेवन से। अल्पकालीन होने के चलते यह समस्या कुछ दिन या कुछ हफ़्तों तक के लिए के लिए ही हो सकती है।  

इस रोग का दूसरा रूप है- क्रॉनिक इंसोमनिया, अगर आपकी नींद न आने की समस्या यह रूप ले चुकी है तो यह बात चिंता की हो सकती है। समस्या के ये रूप ले लेने के कई कारण हो सकते हैं, जैसाकि हमने पहले आपको बताया है और यह बनी भी थोड़े लंबे समय तक रहती है।

यहां हम यह बात स्पष्ट करना चाहेंगे कि नींद न आना आपके लिए केवल एक समस्या है या रोग बन चुकी है, यह आप ख़ुद तय न करें, बल्कि अगर नींद न आने से आप कई दिनों तक जूझते आ रहे हों तो आप किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें। वही आपकी समस्या का सही समाधान उसके सही लक्षणों के आधार पर सुझा सकते हैं। संभव है कि इसके समाधान के तौर पर वे आपको अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करने को कहें या फिर यह भी संभव है कि वे इसके लिए आपको कोई दवा बताएं। कई बार इस तरह के मामले में काउंसलर की मदद भी बहुत कारगर साबित होती है। यहां हम फिर से यह बात दोहराएंगे कि इस तरह का कोई भी कदम या दवा लेने वगैरह का निर्णय आप स्वयं न करके अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करें।

अच्छी नींद के लिए कुछ सुझाव

यहां हम आपको कुछ ऐसे उपाय सुझाने की कोशिश करेंगे, जिससे आप अपनी नींद को बेहतर बना सकते हैं। सबसे पहले तो परेशान हुए बग़ैर ख़ुद ही यह समझने की कोशिश करें कि ऐसा किस कारण से हो सकना संभव है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि जो कारण हम पहले आपको बता चुके हैं, उन्हीं में से किसी कारण के चलते वक़्ती तौर पर आपको नींद नहीं आ रही है या नींद बार-बार टूट रही है। 

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यदि बताए गए कारणों में से कोई भी कारण आपको महसूस होता है तो सबसे पहले उसके समाधान का प्रयास करें। दिन भर में ज्यादा चाय-कॉफी पीने से बचें। कोई भी दवा डॉक्टर के परामर्श के बिना न लें। व्यायाम नियमित रूप से करें, बल्कि अनिद्रा की समस्या में तो मेडिटेशन बहुत ही फ़ायदेमंद साबित होता है। हां, मगर मेडिटेशन के फ़ायदे दो दिन में नहीं मिलते। इसके लिए आपको इसे अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शामिल करना होगा। तेज़ रोशनी या शोर-शराबे वाले कमरे में सोने से बचें। देर तक टीवी या मोबाइल पर व्यस्त न रहें। कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि सोने से कुछ घंटों पहले ही आप इन सब से दूर रहें। सोते समय कुछ पढ़ने की आदत भी अच्छी नींद लाने में कारगर साबित हो सकती है। 

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एक और बात, जिसका आपको ख़्याल रखने की ज़रूरत है, वह यह है कि व्यायाम तो अच्छी नींद का कारण बन सकता है, लेकिन अगर व्यायाम आप सोने से पहले कर रहे हैं तो यह आपकी नींद उड़ा सकता है, क्योंकि व्यायाम करने से रक्तसंचार तेज़ हो जाता है, जो आपको ऊर्जावान बना देता है, आपकी चुस्ती-फुर्ती उस समय बहुत बढ़ जाती है। 

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सोने से पहले खाना भी हल्का-फुल्का और सादा ही खाएं, क्योंकि यह भी नींद पर प्रभाव डालने वाले कारकों में से एक है। तेज़ मिर्च-मसालेदार खाना या ज़रूरत से ज़्यादा खाना आपको अनिद्रा का शिकार बना सकता है। 

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ये तो हैं ऐसे कुछ उपाय, जिनके आधार पर आप अपनी नींद न आने की समस्या को सुलझा सकते हैं, लेकिन एक और बात याद रखिए कि किसी भी समस्या के बारे में बहुत ज़्यादा सोचना भी उसे एक समस्या बना देता है। सो जीवन को जितना सहज-सरल ढंग से जिया जाए, उतना ही अच्छा होता है, इसलिए स्वस्थ रहें, मस्त रहें।