स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया के धुंआधार इस्तेमाल को देखते हुए कुछ समय पहले तक लग रहा था कि किताबों का अस्तित्व ही ख़तरे में पड़ जाएगा। कुछ समय के लिए ऐसा हुआ भी, लेकिन अब फिर से इस तस्वीर का बदला हुआ रुख़ देखने को मिल रहा है और लोगों के हाथों में फिर से किताबें देखने को मिलने लगी हैं। इसके अलावा कुछ लोग तो सदाबहार पुस्तक-प्रेमी यानी बुक लवर्स के तौर पर जाने जाते हैं। ज़माना चाहे जो हो, तकनीक चाहे जितनी बदल जाए, मगर किताबों के प्रति उनकी दीवानगी कम नहीं होती। वे न सिर्फ़ किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं, बल्कि अपनी लाइब्रेरी भी उनके गर्व का कारण होती है और वे किताबें पढ़ने के साथ-साथ उनके संग्रह के प्रति भी जागरूक होते हैं। यहां अक्सर कुछ लोग किताबों की सही देखरेख के प्रति चूक जाते हैं और उनकी किताबें ख़राब होने लगती हैं। लिहाज़ा आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप अपनी लाइब्रेरी की सही तरह से देखभाल करके अपनी किताबों की उम्र बढ़ा सकते हैं।
किताबों को क्रम से रखें
किताबों का सिर्फ़ शौकीन होना ही काफ़ी नहीं होता है, बल्कि उन्हें सही देखरेख की भी ज़रूरत होती है। किताब को पढ़ा कहीं भी जा सकता है, लेकिन किताबों के रखने की जगह तयशुदा होनी चाहिए। जब भी आप किताबों का संग्रह करें तो उन्हें इधर-उधर कहीं भी रखने की बजाय हमेशा सही क्रम से और रैक में ही रखें। जिन किताबों के कवर पेपर बैक हैं, उन्हें लिटाकर या हार्ड बाउंड किताबों के बीच में ही रखें, ताकि वे मुड़े नहीं।
टैग लगाएं
किताबों को ढूंढ़ने में भी अक्सर काफ़ी समय निकल जाता है, क्योंकि उन्हें मिलाकर या ऐसे ही कहीं भी रख दिया जाता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि किताबों के रैक पर सही टैग लगाएं, जैसे कहानी संग्रह एक ही जगह पर रखें। उपन्यास, कविता संग्रह, जीवनी वग़ैरह सभी की एक तयशुदा जगह बनाकर वहां टैग लगा दें।
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पुरानी किताबों को बीच-बीच में धूप दिखाएं
अगर आपको भी किताबें पढ़ने के साथ-साथ उनके संग्रह का भी शौक है तो आपके पास कई पुरानी किताबें भी होंगी ही। समय के साथ अगर उनकी देखभाल पर ध्यान न दिया जाए तो उनके पन्ने पुराने पड़ने लगते हैं, वे फट सकते हैं और किसी और तरह का नुकसान हो सकता है। इसके लिए किताबों को साल में तीन-चार बार एक-दो घंटे के लिए उन्हें धूप में ज़रूर रखें।
धूल-मिट्टी से बचाएं
आजकल काफ़ी स्टाइलिश तरीके के ओपन रैक भी चलन में हैं, जिसमें क़रीने से लगी हुई किताबें बहुत आकर्षक लगती हैं। इसके साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अगर समय-समय पर किताबों की सफ़ाई न करते रहा जाए तो इन पर धूल की एक पूरी परत ही जम जाती है। किताबों के लिए यह धूल भरी परत उन्हें ख़राब करने के लिए काफ़ी है, इसलिए कोशिश कीजिए कि किताबों के शेल्फ कवर्ड या शीशे वाले हों और समय-समय पर उनकी सफ़ाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
नमी के प्रति रहे सावधान
नमी तो हर तरह से किताबों की दुश्मन है, लेकिन ज़्यादातर लोग इस पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते। अगर आपका रैक दीवारों से सटाकर रखा गया है या फिर खिड़की के आस-पास है तो किताबों में नमी आने की पूरी-पूरी संभावना है। इसके लिए कोशिश करें कि किताब को ऐसे कॉर्नर में या जगह पर ही रखें, जहां उन तक नमी न पहुंच पाए।
पन्नों को मोड़े नहीं
बहुत से लोगों की यह आदत भी होती है कि वे किताबों को पढ़ने के बाद उन्हें बंद करके रखते समय बजाय बुकमार्क का इस्तेमाल करने के पन्नों को ही मोड़ देते हैं। यह अच्छी आदत नहीं है। इससे किताबों के पेज ख़राब भी होते हैं।
गंदे हाथों से किताबों को न छुएं
अगर आप भी किताबें पढ़ते हुए कुछ खाते-पीते रहते हैं तो समझ लीजिए कि यह आदत आपकी किताबों के लिए सबसे हानिकारक साबित हो सकती है। इससे किताबों पर खाने के कण गिर सकते हैं। चिकने हाथ लगने से किताबें गंदी हो सकती हैं। साथ ही अगर आपके हाथ साफ़ नहीं हैं तो किताबों के पन्नों को न छुएं। इससे पेज गंदे हो सकते हैं।
सूखी नीम की पत्तियों का करें उपयोग
अगर आपको लगता है कि आपकी किताबों में फफूंदी लग गई है या नमी के कारण कोई और दिक्कत आ रही है तो आप अपनी कुछ किताबों में तथा रैक पर नीम की सूखी पत्तियां एक सूती कपड़े की पोटली में बांधकर रख सकते हैं। इसके अलावा बोरिक पाउडर को भी इस इस्तेमाल में लाया जा सकता है। बोरिक पाउडर भी न मिलने की सूरत में आप टेलकम पाउडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
समय समय पर किताबों की जगह बदलें
किताबों को एक ही स्थान पर ज़्यादा समय तक नहीं रखना चाहिए। इससे किताबों की सतह ख़राब हो सकती है। किताबों को थोड़े-थोड़े समय के बाद शेल्फ में ही जगह बदलकर इधर-उधर रख सकते हैं। यह किताबों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ देखने में भी आकर्षक लगेगा और आपकी सेटिंग में भी एक नयापन बना रहेगा।
बुक शेल्फ को बनाएं रचनात्मक
आजकल बाज़ार में आपको अपने बजट में मनचाहे बुकरैक या शेल्फ आसानी से मिल जाएंगे। इसमें आप किताबों को सजाते हुए अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल कर सकते हैं। किताबों को पारंपरिक रूप से एक क़तार में ही लगा देने की बजाय उनके बीच-बीच में आप कोई डेकोरेटिव पीस या कुछ और भी रख सकती हैं। किताबों से आपको दृष्टिकोण के साथ-साथ रचनात्मकता भी मिलती है। उसका पूरा-पूरा इस्तेमाल अपने बुक-कॉर्नर को सजाने में भी कीजिए।