हम चाहें या न चाहें, आज हम सभी के जीवन में मोबाइल फोन का इस्तेमाल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। मोबाइल पर नज़रें गढ़ाए हमें शायद यह एहसास भी नहीं होता कि इसी वजह से हमारी आंखों की रोशनी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि आमतौर पर हम अपनी आंखें एक मिनट में पंद्रह से बीस बार झपकाते हैं, लेकिन जब हम फोन पर व्यस्त होते हैं तो ऐसा नहीं करते। पलक झपकाने की बजाय हम फोन पर नज़रें गढ़ा कर उसे देखते रहते हैं। इसके चलते हमारी आंखों की स्वाभाविक नमी कम होने लगती है, आंखें में ड्राईनेस बढ़ने लगती है। इससे आंखों में जलन होने से लेकर सिर दर्द तक की शिकायत देखने को मिल सकती है।
ज़ाहिरी तौर पर नज़र आने वाली इस समस्या के अलावा एक और बात ग़ौर करने वाली है। अगर आप फोन पर देर तक व्यस्त रहते हैं तो आपको लगता है कि नींद ही नहीं आ रही है, जबकि इसके पीछे कारण हैं, फोन की स्क्रीन से निकलने वाली ब्ल्यू लाइट। दरअसल, मेलाटोनिक नामक तत्व हमारी नींद के लिए ज़िम्मेदार होता है। फोन पर बिताए गए अधिक समय के चलते इस ब्ल्यू लाइट के संपर्क में आने से हमारे शरीर में बनने वाला मेलाटोनिक प्रभावित होता है, जिसकी वजह से हमें नींद नहीं आती है। इन सारी वजहों के चलते हमारी आंखों की रोशनी भी प्रभावित होकर धुंधली होने लगती है। अगर इस आदत से समय रहते छुटकारा न पाया जाए तो यह धुंधलाती रोशनी जल्दी ही आंखों पर चश्मा लगवाने की नौबत तक ले आती है, जो कि समय के साथ फिर बढ़ता ही जाता है। इसी वजह से यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि फोन को सिर्फ़ ज़रूरी चीज़ों तक ही सीमित रखा जाए
अगर आप यहां बताई बातों का ख़्याल रखेंगे तो काफ़ी हद तक इस समस्या का समाधान पा सकते हैं।
फोन को दूरी पर रखें
फोन इस्तेमाल करते हुए जितना हो सके, उससे दूरी बनाए रखें। आम तौर हम सभी फोन को लगभग आठ इंच की दूरी से इस्तेमाल करते हैं। लिहाज़ा कम से कम इतनी दूरी तो बनाए ही रखिए।
पलकें जल्दी-जल्दी झपकाएं
फोन इस्तेमाल करते समय जितना जल्दी-जल्दी हो सके, अपनी पलकें झपकाते रहिए। इससे ब्ल्यू लाइट का असर भी आंखों पर कम पड़ेगा और आंखों की नमी भी बरकरार रहेगी, जिससे आंखों में होने वाली जलन से निजात मिलने के साथ-साथ सिर दर्द से भी छुटकारा मिलेगा।
पानी के छींटें मारते रहिए
अगर आपका प्रोफाइल ऐसा है कि आपको मजबूरन ही सही फोन का प्रयोग बहुत ज़्यादा करना पड़ता है तो बीच-बीच में आंखों पर ठंडे पानी के छींटें मारते रहिए। इससे आंखों की थकान भी दूर होती है, आंखों में नमी भी बनी रहती है और आप ब्ल्यू स्क्रीन के दुष्प्रभाव से भी बच पाते हैं।
ब्ल्यू लाइट का दुष्प्रभाव रोकें चश्मे से
आजकल ऐसे चश्मे आसानी से उपलब्ध हैं, जिनके प्रयोग से मोबाइल फोन की लाइट के दुष्प्रभाव से आंखों को आसानी से बचाया जा सकता है, इसलिए अगर आपको ज़्यादा देर तक के लिए फोन का इस्तेमाल करना पड़ता है तो कोशिश कीजिए कि इस चश्मे को लगाकर ही फोन यूज़ करें।
अंधेरे में न करें मोबाइल का इस्तेमाल
इस बात की पूरी कोशिश कीजिए कि अंधेरे या कम रोशनी वाली जगह पर मोबाइल का इस्तेमाल न करें और देर रात सोते समय कम रोशनी में या अंधेरे में तो मोबाइल पर वक्त बिताने की आदत ही मत डालिए। अगर ऐसा करना ही है तो फिर कई ऐसे ऐप भी उपलब्ध हैं, जो ब्ल्यू स्क्रीन के नुकसान को कम कर सकते हैं, जैसेकि- ट्वीलाइट, ब्ल्यू लाइट फिल्टर, ईज़ी आइज़, ब्ल्यू लाइट फिल्टर फॉर आई केयर, आई केयर वग़ैरह।
लेटकर फोन न इस्तेमाल करें
हम में से कई लोग ऐसे भी हैं, जो कभी टेढ़े-मेढ़े बैठकर तो कभी लेटकर भी फोन का इस्तेमाल करने लगते हैं। इससे हमारे फोकस प्वॉइंट पर बुरा असर पड़ता है।
बीच-बीच में नज़दीक-दूर देखें
अगर देर तक फोन इस्तेमाल करना ही हो तो बीच-बीच में बीस सेकेंड के लिए पहले जितनी दूर हो सके, देखें। फिर उसके बाद जितनी नज़दीक हो सके, देखिए। ऐसा आपको बिना पलक झपकाए करना है। इससे आपकी नज़र का संतुलन बना रहेगा।
पेंसिल एक्सरसाइज़ करें
इसके लिए एक पेंसिल लेकर उसे हाथ भर की दूरी पर थामकर रखिए। पेंसिल की टिप पर नज़र टिकाकर रखें और फिर हाथ को दाएं से बाएं और बाएं से दाएं की ओर घुमाएं। ऐसा बिना हाथ मोड़े ही करना है। साथ ही आपने जो नज़रें पेंसिल की टिप पर टिकाई हुई हैं, उसे टिप पर ही टिकाए हुए दाएं से बाएं और बाएं से दाएं देखिए। सिर्फ़ नज़रें ही इधर से उधर घुमानी हैं, पूरा सिर नहीं। ऐसा ही करते हुए पेंसिल को बिल्कुल नाक के पास तक लाएं और फिर दूर ले जाएं। नज़र पेंसिल की टिप पर ही रखनी है।
इन छोटी-छोटी सावधानियों में भी छिपी है आपकी आंखों की बड़ी सुरक्षा।