बॉलीवुड की हिंदी शान!
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बॉलीवुड की हिंदी शान!

आज कुछ ऐसे फिल्मी सितारों का ज़िक्र किया जाए, जो हिंदी फिल्म जगत में हिंदी की शान शान माने जाते हैं!

बॉलीवुड की हिंदी शान!

बॉलीवुड को यूं तो ‘हिंदी फिल्म नगरी’ कहा जाता है, लेकिन ये और बात है कि फिल्मी सितारों के चाहे ‘एक्सक्लूसिव इंटरव्यू’ हों या फिर ‘स्पेशल फोटो शूट’, सभी अंग्रेज़ी की दुनिया के नाम ही नज़र आते हैं। फिर भी कुछ फिल्मी सितारे ऐसे भी हैं, जो हिंदी को इतने सहज-सुंदर तरीके और सलीके से बोलते हैं कि सुनने वाला उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता। यह इसलिए भी अच्छा लगता है कि जिस भाषा से आप अपना नाम, शोहरत और पहचान पाते हैं, उसे अपने जीवन में प्रयोग करते हुए भी आप गर्व का अनुभव करते हैं। तो चलिए, आज कुछ ऐसे ही फिल्मी सितारों का ज़िक्र किया जाए, जो हिंदी फिल्म जगत, यानी बॉलीवुड में हिंदी की शान माने जाते हैं!

अमिताभ बच्चन

हिंदी फिल्म जगत में अमिताभ बच्चन का लंबा कद हिंदी बोलने के मामले में बहुत ही बुलंद है। न सिर्फ़ अपने फिल्मी संवादों में, बल्कि आम बोलचाल तक में वे हमेशा बेहद विनम्रता से हिंदी बोलते हुए देखे जाते हैं। अपने कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के ज़रिये भी वे हिंदी के कठिन से कठिन शब्द तक को बेहद ख़ूबसूरती से अपनी बातचीत में शामिल कर लेते हैं। उनके अंदाज़ में बोली गई हिंदी के कहने ही क्या!

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टॉम ऑल्टर

टॉम ऑल्टर से एक बार किसी ने पूछा था कि आप इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोल लेते हैं तो उनका जवाब था, ‘मुंह से।’ अमेरिकी मूल के माता-पिता की संतान टॉम ऑल्टर को उनकी हिंदी और उर्दू की शानदार पकड़ के चलते बहुत से लोग ‘देसी अंग्रेज़’ भी कहते थे। चाहे फिल्मों में उनका अभिनय हो या फिर सामान्य जीवन की बोलचाल, वे इन दोनों ही भाषाओं का इस्तेमाल इतने सुंदर और प्रभावी तरीके से करते थे कि देखने-सुनने वाले हैरत में पड़ जाते थे।

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आशुतोष राना

बात फिल्मी सितारों की हिंदी की हो और आशुतोष राना का ज़िक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। हमेशा हिंदी को शान से बोलने वाले आशुतोष राना न केवल अपने फिल्मी संवादों को धार दे देते हैं, बल्कि आम ज़िंदगी में भी वे हिंदी की लंबी कविताओं, चर्चित संवादों से लेकर रामाणय की चौपाइयां, श्रीमदभागवतगीता के सूक्त तक समान अधिकार से बोलते पाए जाते हैं। वे ख़ुद एक बेहद अच्छे लेखक भी हैं और कई किताबें लिख चुके हैं, जिनमें व्यंग्य संग्रह से लेकर लंबे उपन्यास तक शामिल हैं।

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पंकज त्रिपाठी

उत्तर-पूर्वी भारत की पूर्वांचली हिंदी की छाप लिए, एक ख़ास अंदाज़ में हिंदी बोलने वाले पंकज त्रिपाठी अपनी इसी शैली के चलते लाखों दिलों पर राज करते हैं। इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि भाषा के मामले में ये सिर्फ़ बोलने ही नहीं, ख़ूब सारा पढ़ने में भी विश्वास रखते हैं। कई तरह के गीत, ग़ज़लें और लोकसंगीत की जानकारी रखने वाले पंकज अपनी मिसाल आप हैं।

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नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी

हिंदी सिनेमा के पर्दे से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स तक नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने हिंदी को एक ख़ास अदा और धार दी है। वे जिस ढंग से हिंदी बोलते हैं, वह एक निपट आम व्यक्ति की हिंदी लगती है, बेहद स्वाभाविक और सहजता से भरी-पूरी। अपनी इसी ख़ूबी के चलते उन्होंने ‘मंटो’ से लेकर ‘बाल ठाकरे’ और जेबक़तरे से लेकर गैंगस्टर तक के हर किरदार को इतना जीवंत बना दिया कि फिर ज़िंदा रहा तो वह फिल्मी किरदार ही, अभिनेता कहीं पृष्ठ में चला गया। अपने इस कलाकार पर हिंदी सिने जगत को भी नाज़ है।

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