Cold Infection होने पर क्या न करें
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Cold Infection होने पर क्या न करें

जानें उन ग़लतियों के बारे में, जो अक्सर हम कोल्ड इंफेक्शन होने पर करते हैं।

Cold Infection होने पर क्या न करें

सर्दियों की कुछ ठंडी हवाएं चली नहीं कि हम अक्सर कोल्ड इंफेक्शन की (Cold Infection) चपेट में आ जाते हैं, यानी खांसी, ज़ुक़ाम, नज़ला, बुख़ार, सिर दर्द, बदन दर्द वग़ैरह आए दिन की स्वास्थ्य समस्याएं बन जाती हैं। अब इत्तिफ़ाक़ देखिए कि हम इस समय कोविड जैसी महामारी का भी सामना कर रहे हैं और तमामतर टीकाकरण व दूसरी सावधानियों के इससे अब तक निजात नहीं पा सके हैं। कोविड के आंकड़े कभी कम हो जाते हैं, कभी ज़्यादा। सो सभी की एकराय यही है कि इस समय में सावधानी ही सुरक्षा है, लेकिन अगर ऐसे में कोल्ड इंफेक्शन हो ही जाए तो ऐसी कौन सी बातें हैं, जो हमें करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए, आइए जानें इन्हीं के बारे में।

पहले आज़माएं घरेलू उपचार

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किसी भी तरह का कोल्ड इंफेक्शन होने या फिर उसके लक्षण दिखने पर सबसे पहले सदियों से चले आ रहे अपने घरेलू उपायों पर ही विश्वास कीजिए। शुरू के एक या दो दिन कोल्ड इंफेक्शन में आमतौर पर घर में बनाए जाने वाले काढ़े के साथ-साथ ऐसी चीज़ों का सेवन कीजिए, जो कि तासीर में गर्म होती हैं या फिर इस तरह के इंफेक्शन में फ़ायदेमंद मानी जाती हैं, जैसेकि- अदरक, तुलसी, लौंग, तिल वग़ैरह।

अपने इम्यून सिस्टम को बनाएं मज़बूत

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बात चाहे कोल्ड इंफेक्शन की हो या फिर किसी और रोग की, सबसे पहले उस पर जो चीज़ कारगर सिद्ध होती है, वह है हमारा अपना इम्यून सिस्टम, यानी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता। किसी भी तरह के रोग या इंफेक्शन के समय हमारी यही क्षमता हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच साबित होती है। लिहाज़ा यह बहुत ज़रूरी है कि सबसे पहले अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को ज़्यादा से ज़्यादा मज़बूत किया जाए। चाहे ऐसा खान-पान का ध्यान रखने से हो, नियमित रूप से योग-व्यायाम करने से हो या फिर किसी और ज़रिये से। आपको याद ही होगा कि कोविड जैसी महामारी के शुरू में भी जब हमारे पास इसके बचाव से जुड़ी दवाइयां या वैक्सीन वग़ैरह उपलब्ध नहीं थे, तब भी मज़बूत इम्यून सिस्टम, स्वस्थ जीवनशैली, खान-पान संबंधी सावधानी और घरेलू नुस्ख़ों द्वारा किए जाने वाले उपचारों को ही एक बड़ा सुरक्षा कवच माना जा रहा था। अब जबकि वैक्सीन और दवाओं की सुविधा मौजूद है, तब भी इस पहलू को आज भी बेहद अहमियत दी जाती है।

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अस्पतालों में भीड़ न लगाएं

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अगर आपका कोल्ड इंफेक्शन दो-तीन दिन में भी ठीक नहीं हो रहा है और घरेलू नुस्ख़ों का भी उस पर कोई असर कोई असर नहीं हो रहा है, वे कारगर साबित नहीं हो रहे हैं तो तुरंत अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें। यह मौसमी वायरल या इंफेक्शन है या किसी बड़े रोग का लक्षण, यह आपके फैमिली डॉक्टर ही तय करेंगे। यदि उनके प्राथमिक उपचार से भी फ़र्क न पड़े और वे आपके लक्षणों के आधार पर आपको कोविड टेस्ट कराने की सलाह दें तो इसमें देर न करें और तुरंत अपना टेस्ट कराएं। इसके लिए भी आपको तुरंत घबराहट में अस्पताल में जाकर भीड़ लगाने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि अब तो कोविड टेस्ट तक करवाने की सुविधा घर बैठे उपलब्ध है। इसका लाभ उठाएं। इसके अलावा इसका फ़ायदा आपको इस तरह से भी मिल सकता है कि अपने इंफेक्शन के साथ ही आप कमज़ोर इम्यूनिटी के शिकार तो हो ही जाते हैं, जिससे आप किसी भी दूसरे इंफेक्शन के संपर्क में आसानी से आ सकते हैं, घर बैठे अपना टेस्ट कराने से आप अपनी सुविधा के साथ दूसरों की सुरक्षा भी कर सकते हैं।

दूसरों के संपर्क में आने से बचें

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कोल्ड इंफेक्शन होने पर चाहे वह एक या दो दिन में घरेलू उपचारों से ठीक हो जाए, आपके फैमिली डॉक्टर का प्राथमिक उपचार काम आए या फिर स्थिति इस से भी आगे की हो, सबसे पहली और बेहद ज़रूरी बात तो यह है कि आप दूसरों के संपर्क में आने से पूरी तरह से बचें, चाहे वे आपके परिवार के लोग या क़रीबी दोस्त ही क्यों न हों। यहां हम ये नहीं कह रहे कि आप सभी से दूरी बना लें और अपने-आप को अकेला कर लें, बल्कि हमारे कहने का मतलब यह है कि आप सभी से एक सुरक्षित दूरी से ही बात करें। कोल्ड इंफेक्शन के समय हाथ मिलाने, छूने या किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क में आने से पूरी तरह से बचें। किसी से कुछ लेना हो या देना हो, उसमें भी सुरक्षा मानकों और सैनेटाइज़ेशन का पूरा-पूरा ख़याल रखिए।

स्थिति गंभीर होने पर भी संयम बरतें

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यदि आपका कोल्ड इंफेक्शन काफ़ी ज़्यादा बढ़ा हुआ है, तब भी घबराने या परेशान होने की बजाय अपने डॉक्टर की सलाह पर पूरा भरोसा करते हुए उनका पालन करें और किसी भी तरह की घबराहट से बचें। इसकी बजाय आप जितना हो सके, अपना दिलोदिमाग शांत रखें। खान-पान का ख़याल रखें। उन चीज़ों का पूरा-पूरा परहेज़ कीजिए, जिनकी मनाही आपके डॉक्टर ने की है। इस अवसर के उपयुक्त योग-व्यायाम आदि कीजिए। ऐसे उपाय अपनाइए, जिनसे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत हो। मानसिक शांति और मज़बूती के लिए ध्यान का सहारा ले सकते हैं। अपनी रुचियों के लिए भी थोड़ा वक़्त निकालिए। हालांकि यह बात आपको अजीब लग सकती है, लेकिन बीमारी के दौरान भी अपनी रुचियों से जुड़े रहना आपके दिलोदिमाग को शांत रखने में मदद करता है, जिसका असर काफ़ी हद तक आपकी मनोदशा पर भी पड़ता है।

चाहे कोई इंफेक्शन हो या गंभीर से गंभीर रोग, आपकी सावधानी, सकारात्मक सोच, मज़बूत इम्यूनिटी और सुदृढ़ इच्छाशक्ति किसी भी ख़तरे से बचने में आपके सबसे बड़े हथियार साबित हो सकते हैं। बस ज़रूरत है थोड़ी सी सावधानी और थोड़ी सी समझदारी की।

(सीनियर फिज़िशियन डॉक्टर अशोक रामपाल से बातचीत पर आधारित)