कानूनन जुर्म है ईव टीज़िंग

By : Damini Yadav
Sep 07, 2021 Photo: CitySpidey

कुछ मामलों में हमारा यह समाज ज़रा अजीब सा ही है, जिसकी बहुत सारी बातें परस्पर इतनी विपरीत होती हैं कि उन्हें समझना बड़ा मुश्किल काम लगता है। एक तरफ़ तो यह महिलाओं को देवी के समान मानता है तो दूसरी महिलाओं के प्रति होने वाले यौन अपराधों के आंकड़े भी पूरी दुनिया को चौंका देते हैं। ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं, जिन्हें अकसर छेड़ख़ानी के छोटे-मोटे मामले कहकर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, जबकि ये ईव टीज़िग के अंतर्गत होने वाले अपराधों की श्रेणी में आते हैं। ईव टीज़िंग क्या है और क्या हैं इससे बचाव के उपाय, आइए जानें कुछ इसी बारे में।

क्या है ईव टीज़िंग

किसी स्त्री का पीछा करना, उसे घूरना, भद्दे-अश्लील इशारे करना, द्विअर्थी कॉमेंट करना, छेड़ना, छूने की कोशिश करना, यौनिक रूप से परेशान करना, अश्लील चित्र दिखाना या हरकत करना, मौखिक या अमौखिक रूप से परेशान करना, ये सभी ईव टीज़िंग के अंतर्गत आते हैं। भारत में ये सभी ऐसे मामले रहे हैं, जिनसे अधिकांश लड़कियों को कभी न कभी दो-चार होना ही पड़ता है। इन मामलों को अकसर इतना छोटा-मोटा मान लिया जाता था कि इनका विरोध करना या इनके विरुद्ध आवाज़ उठाना मामले को तूल देना या बात का बतंगड़ बनाना समझा जाता रहा था, जिसके चलते अधिकांश महिलाएं ऐसे मामलों को नज़रअंदाज़ ही कर दिया करती थीं, लेकिन छेड़ख़ानी, यानी ईव टीज़िंग के ये मामले कानून की नज़र में अपराध हैं। 

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ईव टीज़िंग से संबंधित कानूनी धाराएं

धारा 294– यदि कोई व्यक्ति आप पर गंदे कॉमेंट करे या किसी सार्वजनिक जगह पर ऐसा व्यवहार करे, जो कि अश्लील माना जाए तो आप सेक्शन 294 की सहायता ले सकती हैं। इस अपराध में अपराधी को ज़मानत तो मिल सकती है, किंतु तीन महीने तक की अधिकतम सज़ा का प्रावधान भी है।  
2. धारा 354 A,B,C,D– यदि आप किसी भी रूप में किसी यौन अपराध से पीड़ित हैं तो ये धाराएं आपको उससे सुरक्षा प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। चाहे यह मामला किसी बड़े यौन व्यवहार से लेकर अश्लील फोटो दिखाने तक ही सीमित क्यों न हो, अपराध के अंतर्गत आता है।  
3. धारा 509– यदि आपको लगता है कि आपके साथ हुआ व्यवहार ऐसा है, जिससे आपके स्वाभिमान या गरिमा को ठेस पहुंचती है, तब आप इस मामले की मदद ले सकती हैं। आपको कहे गए अपशब्द तक के प्रति यही मामला बनता है, इसलिए अपनी गरिमा से समझौता हर्गिज़ न करें। 

ईव टीज़िंग से बचने के लिए क्या करें

यदि एक आंकलन के आधार पर बात करें तो भारत में लगभग अस्सी प्रतिशत से भी अधिक महिलाएं किसी न किसी रूप में ईव टीज़िंग की शिकार होती रही हैं। ऐसा होने के पीछे एक बड़ी वजह ये है कि अधिकांश महिलाएं अपने प्रति होने वाले इन अपराधों के प्रति उदासीन रहती थीं या इन बातों का विरोध ही नहीं करती थीं। महिलाओं के मन में पलता लोक-लाज का डर अपराधियों के मन से इस अपराध का डर निकाल देता था, जिसके परिणाम के तौर पर इन अपराधों का दिन पर दिन बढ़ता जाना था, लेकिन समय के साथ महिलाओं में बढ़ती जागरुकता ने उन्हें राहत दिलाने का काम किया है। अब ईव टीज़िंग से जुड़े तकरीबन सत्तर प्रतिशत मामले ऐसे होते हैं, जिनमें महिलाएं मज़बूती से अपना विरोध दर्ज करवाती हैं। अगर आपको भी लगता है कि आपके साथ ईव टीज़िंग यानी छेड़ख़ानी से संबंधित कोई घटना हो रही है तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। 
यहां हम कुछ ऐसे कदम बता रहे हैं, जो इस तरह के मामलों में आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं-