अच्छी सेहत की तैयारी अक्सर लोग उम्र के दूसरे पड़ाव पर करते नज़र आते हैं, क्योंकि उस समय कई तरह की बीमारियों घेर लेती हैं, फिटनेस साथ नहीं देती है या फिर बढ़ता वज़न ही काबू के बाहर होकर चिंता का विषय बन जाता है। अगर हम एक्सपर्ट्स की बात मानें तो आने वाले कल, यानी बढ़ती उम्र में भी हमारी फिटनेस बेहतरीन रह सकती है, बस ज़रूरत है उसके लिए आज से ही तैयार रहने की। तो क्या है ये तैयारी आइए जानें।
रुटीन चैकअप को बीमारी से न जोड़ें
सबसे पहली बात कि रुटीन चैकअप को अपनी लाइफ स्टाइल का हिस्सा बना लीजिए। इसके लिए उसे किसी बीमारी से जोड़कर देखने की ज़रूरत नहीं है, न ही बीमार पड़ने की। दरअसल, रेग्युलर रुटीन चैकअप का सबसे बड़ा फ़ायदा ही यही है कि इससे समय रहते ही कई बीमारियों के संभावित ख़तरे से बचा जा सकता है।
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एक्सरसाइज़ को बोझ न समझें
एक्सरसाइज़ अच्छी सेहत की पहली शर्त ही नहीं है, बल्कि एक्सरसाइज़ की बदौलत तो ख़राब सेहत को भी बेहतर बनाया जा सकता है, इसलिए आप अपने रुटीन में एक्सरसाइज़ को भी शामिल रखें। एक्सरसाइज़ के प्रति न तो उदासीन रहें और न ही उसे कोई बोझिल काम समझें।
खाने-पीने की आदतों पर काबू रखें
अच्छी सेहत का रास्ता दूसरी कई बातों के साथ-साथ पेट से भी होकर जाता है। आप जो भी खाते हैं, उसका असर आपकी सेहत पर साफ़ नज़र आता है, इसलिए खाने-पीने में सावधानी बरतने की बहुत ज़रूरत है। इसका ये मतलब हर्गिज़ नहीं है कि आप डाइटिंग के नाम पर लज़ीज़ ज़ायक़े से दूरी बना लें। ख़याल बस ये रखना है कि जो भी खाएं, उसे अच्छे से पचाएं।
खेल-कूद नहीं बनने देते बचपन से दूरी
बचपन दरअसल किसी उम्र के पड़ाव नहीं, बल्कि ऊर्जा से भरे तन-मन का नाम है। खेल-कूद की बदौलत शरीर में चुस्ती-फुर्ती और तंदुरुस्ती हमेशा ही बनी रहती है। शरीर का तापमान और रक्तसंचार नियंत्रण में रहता है। वज़न बढ़ने जैसी समस्या पैदा ही नहीं होतीं। साथ ही आप बढ़ती उम्र के दुष्प्रभावों से भी बचे रह सकते हैं।
पर्सनल केयर को दीजिए वक्त
पर्सनल केयर के लिए भी वक्त निकालना न भूलिए, क्योंकि इससे आपकी पर्सनैलिटी भी दमदार बनी रहेगी, क्योंकि भले ही टीन या यंग एज में अपने पर ध्यान देना आदत रही हो, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ बहुत से लोगों में अपने प्रति उदासीनता बढ़ने लगती है और उनके लिए तैयार होने या पर्सनैलिटी ग्रूमिंग सिर्फ़ ख़ास मौकों तक सीमित होकर रह जाती है।
माइंड गेम से दिमाग़ को रखिए चुस्त
स्मरण शक्ति, यानी याददाश्त समय के साथ प्रभावित होने वाली शै है। उम्र बढ़ने के साथ भी चीज़ों को याद रखने की आपकी शक्ति प्रभावि्त न हो, इसके लिए आप ऐसे गेम्स भी खेला कीजिए, जो दिमागी रूप से आपको सक्रिय रखें, जैसेकि- शतरंज, पज़ल्स, पहेलियां, जेंगा, ब्रेनवीटा वग़ैरह।
नई तकनीक से दोस्ती कीजिए
तकनीक हर दिन बदलने वाली शैली का नाम है और इसका सीधा प्रभाव जीवनशैली पर भी पड़ता है। आप नई बातों के प्रति जितना लचीला रवैया रखेंगे, उतना ही समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। नई तकनीक की जानकारी आपके आत्मविश्वास को भी प्रभावित करती है।