इस समय दिनोदिन बढ़ते प्रदूषण की मार से शायद ही कोई ऐसा हो, जो बचा हुआ हो। जो लोग सांस संबंधी रोगों से जूझ रहे हैं, उनके लिए तो यह समय परेशानी भरा समय है ही, ऐसे लोग जो पूरी तरह से से स्वस्थ हैं, उन्हें भी प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर पर पहुंचने के चलते अपनी दिनचर्या में सावधानी बरतनी पड़ रही है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे आहार की याद दिला रहे हैं, जिनके बारे में जानते तो आप भी हैं ही, बस याद में धुंधले पड़ने से हमारी दिनचर्या और दैनिक खान-पान से बाहर हो गए हैं। बस ज़रूरत है इन्हें अपने नियमित आहार में फिर से शामिल करने की। फिर देखिए इनका प्रभाव, प्रदूषण आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
गुड़
बरसों से गुड़ हमारे खान-पान का एक अहम हिस्सा रहा है। यह न सिर्फ़ खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के गुणों से भी भरा-पूरा है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट तत्त्वों के चलते कई रोगों से हमारा बचाव भी हो जाता है। प्रदूषण से भरे इस समय में गुड़ को अगर हम अपने नियमित आहार में शामिल कर लेते हैं तो श्वास संबंधी कई दिक्कतों से बच सकते हैं। यहां तक कि कई कारणों के चलते डॉक्टर अक्सर चीनी कम करने या चीनी से बचने की सलाह देते हैं, लेकिन गुड़ के साथ ऐसा कोई बंधन नहीं है। ख़ासतौर पर अस्थमा, माइग्रेन और कमज़ोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों के लिए गुड़ अमृत समान है।
बादाम
विटामिन इ तथा फाइबर के गुणों से भरपूर बादाम के गुणों के बारे में भला कौन नहीं जानता। यह आंतरिक रूप से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है। साथ ही हमें ये बात भी ध्यान रखने की ज़रूरत है कि प्रदूषण सेहत के साथ-साथ त्वचा की सुंदरता को भी अपनी चपेट में ले लेता है। ऐसे में विटामिन इ की खान बादाम त्वचा की रक्षा भी करता है। यह ह्दय को भी मज़बूती प्रदान करता है। प्रदूषण से प्रभावित हुए बाल भी बादाम से नया जीवन पा सकते हैं।
दही
ऐसा भला कौन सा घर होगा, जिसके किचेन में दही न मौजूद होता हो। दही के लाभकारी गुण सदियों से जाने-परखे हैं। कई लोगों का यह मानना है कि दही तासीर में ठंडी होने के चलते सर्दियों में कम प्रयोग करनी चाहिए, लेकिन ये सोच ठीक नहीं है। दही में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन इसे दूध के मुकाबले और बेहतर आहार साबित करता है। इसके अलावा दही में लैक्टोज़, फास्फोरस और आयरन जैसे तत्त्व भी भरपूर मात्रा में मिलते हैं, जो हमारे शरीर को प्रदूषण की मार झेलने में आंतरिक मज़बूती प्रदान करते हैं। यह सांस संबंधी इंफेक्शन से बचाव में कारगर साबित होती है, जो कि न सिर्फ़ प्रदूषण से भरे समय में, बल्कि सर्दियों की भी एक आम समस्या है।
हल्दी
चुटकी भर हल्दी के गुण सैकड़ों औषधीय गुणों से भरे रहते हैं। प्रदूषण से भरे समय में यह सेहत से लेकर सुंदरता तक को सुरक्षा कवच प्रदान करती है। हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर है। इस समय पर जिन्हें शरीर में लगातार दर्द महसूस होता है, सांस लेने में दिक्कत की समस्या है, ज़ख़्म जल्दी नहीं भर रहे हैं, उनके लिए हल्दी बहुत लाभदायी सिद्ध हो सकती है। प्रदूषणकारी समय में यदि नियमित रूप से गुनगुने दूध में हल्दी का सेवन किया जाए तो न सिर्फ़ कई प्रकार के रोगों से बचाव होता है, बल्कि शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी बनी रहती है। साथ ही यह शरीर को औषधीय ऊष्मा भी प्रदान करता है।
शहद
शहद के फ़ायदे तो सदाबहार है। यदि गुनगुने पानी में नियमित रूप से शहद मिलाकर ख़ाली पेट पिया जाए तो यह शरीर के लिए अमृत समान गुणकारी है। इससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता तेज़ी से बढ़ती है, जो कि किसी भी प्रकार के प्रदूषण का सामना करने में सक्षम बनाती है। दिलचस्प बात तो यह है कि इसका लाभकारी प्रभाव बढ़ते वज़न को काबू में रखने में भी सहायक होता है। साथ ही यदि प्रदूषण की चपेट में आने से आपके बाल व त्वचा भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं तो यह उसमें भी लाभकारी है। यदि आप प्रदूषण के चलते होने वाली खांसी से परेशान हैं तो रोज़ाना सोने से पहले गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इससे आपको न सिर्फ़ खांसी से राहत मिलेगी, बल्कि खांसी के कारण पैदा होने वाला बलगम भी नहीं बनेगा और गले के दर्द में भी आराम मिलेगा। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ह्र्दय संबंधी रोगों में भी राहत पहुंचाने का काम करता है।