अभ्यंग के ये फ़ायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप!

By : Damini Yadav
Feb 06, 2022

मूल आलेख- आप बहुत बड़ी ग़लती पर हैं, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि अभ्यंग सिर्फ़ एक तेल मालिश है। वैसे अभ्यंग को अभ्यंगम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें तेल मालिश का विशेष महत्त्व है, लेकिन इसे केवल इतने तक ही सीमित समझना ग़लत है, क्योंकि इसके सदाबहार फ़ायदों में बेहतरीन सेहत और सुंदरता की कुंजी छिपी हैं। यूं भी अगर सेहत अच्छी है तो सुंदरता भी निखरी-निखरी ही रहेगी। फिर भी सर्दियों में तो इसके फ़ायदों की कोई गिनती ही नहीं है। फिर भी अभ्यंग से जुड़े कुछ ख़ास फ़ायदों के बारे में हम यहां आपको बता रहे हैं। इन्हें जानने के बाद आप भी एक बार अभ्यंग करवा कर तो देखिए, आप भी इसके कायल न हो जाएं तो कहिएगा।

क्या है अभ्यंग

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अभ्यंग एक प्रकार की तेल मालिश है, लेकिन आम तेल मालिश के विपरीत इसमें तेल की मात्रा बहुत अधिक होती है। ये मात्रा इतनी ज़्यादा होती है कि सिर से लेकर पूरा शरीर ही इससे एक प्रकार से भीग जाता है। साथ ही इसमें मालिश के लिए जो तेल प्रयोग किया जाता है, वह गुनगुने से थोड़ा ज़्यादा गर्म होता है। इसके अलावा सभी व्यक्तियों की मालिश में एक ही तेल का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि सभी व्यक्ति के शरीर का तापमान, रक्त संचार, स्वास्थ्य समस्याएं, स्वास्थ्य समस्याओं के प्रकार व उसके जुड़ी जानकारियों के बारे में जानने के बाद ही तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

किस प्रकार है सिर्फ़ मालिश से बढ़कर

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जैसाकि हमने शुरुआत में ही कहा कि अभ्यंग में तेल मालिश की विशेष भूमिका है, लेकिन यह सिर्फ़ तेल मालिश ही नहीं है। जहां तेल मालिश का लाभ एक सीमित सीमा तक ही है, वहीं अभ्यंग में की गई मालिश के लाभ अनगिनत हैं। मौसम में परिवर्तन के चलते होने वाले प्रभाव हों, खान-पान संबंधी ग़लत आदतों के कारण हुई समस्याएं हों, अंतुलित आहार की कमी के कारण होने वाली शिकायतें हों, नज़र कमज़ोर होने लगी हो, शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का अभाव हो, उचित व्यायाम की कमी के कारण होने वाली जकड़न हो, मौसम के कारण शरीर में कहीं ऐंठन हो, शरीर के किसी हिस्से में पुराना दर्द हो, त्रिदोष, यानी कि वात, पित्त या कफ़ संबंधी दिक्कत हो, मांस-पेशियां कमज़ोर पड़ने लगी हों या फिर इसी प्रकार की कोई और स्वास्थ्य समस्या, अभ्यंग इसका अचूक उपाय है।

फ़ायदों की खान है अभ्यंग

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ऊपर बताए स्वास्थ्य संबंधी लाभों के अलावा भी अगर हम अभ्यंग के फ़ायदों के बारे में जानना चाहें तो इससे रक्त संचार तेज़ होकर सुधरता है। अगर नाभि उतर गई हो, यानी नाभि वाले हिस्से में दर्द हो, तेज़ थकान हो, मानसिक तनाव हो, नींद ठीक से न आती हो, मुंहासे या शरीर पर दाने, यानी फुंसियां वग़ैरह अक्सर या बहुत ज़्यादा होते हों, समय से पहले ही बढ़ती उम्र के लक्षण शरीर पर दिखाई देने लगे हों, पाचन ठीक से न काम करता हो, बाल बहुत ज़्यादा झड़ते हों, त्वचा रूखी, बेजान और कांतिहीन हो, तब भी अभ्यंग बहुत गहराई तक जाकर काम करता है। यदि अभ्यंग को नियमित रूप से करवाया जाए तो इसके लाभ और बढ़ जाते हैं। यहां यह समझने वाली बात है कि अगर शरीर का रक्त संचार, तापमान, त्रिदोष नियंत्रण में रहे तो सेहत अपने-आप निखरने लगती है और अच्छी सेहत ही सच्ची सुंदरता का आधार होती है।

अभ्यंग से जुड़ी हैं ये सावधानियां

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बेशक अभ्यंग से जुड़े लाभ अनगिनत हैं, लेकिन इसके सभी फ़ायदे सही तरीके से पाने के लिए इससे जुड़ी कुछ सावधानियों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। ये सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं-

अभ्यंग करवाने के बाद क्या करना चाहिए

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ये तो थे अभ्यंग के अनेक लाभों में से कुछ की जानकारी, लेकिन अगर आप एक बार अभ्यंग का अनुभव लेंगे तो इसके फ़ायदों के कारण बार-बार अपने आप को ऐसा करने से रोक नहीं पाएंगे। साथ ही इसके जुड़े आपके अनुभव अनकहे और अनूठे ही होंगे। वे आप चाहें तो हमसे साझा कर सकते हैं।