अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजौ!
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अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजौ!

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 11 अक्टूबर गर्ल चाइल्ड के नाम पर मनाए जाने वाले एक दिन के रूप में घोषित है

अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजौ!

कुछ समय बीता होगा, जब महिलाओं या बच्चियों की बात होती थी तो बहुत से लोगों का यह मानना होता था कि केवल भारत में ही इस मामले में यह स्थिति है कि एक तरफ़ तो बच्चियों को ‘देवी’ का दर्जा तक दे दिया जाता है, जबकि दूसरी तरफ़ हम उन्हें यौन अपराधों, बाल विवाह, अशिक्षा, कुपोषण जैसी समस्याओं से बचा नहीं पाते। यहां तक कहा जाता रहा है कि भारत शायद इकलौता ऐसा देश है, जहां सिर्फ़ ये जानने के लिए भ्रूण परीक्षण तक करवाया जाता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा अगर लड़का नहीं है तो उसका गर्भपात करवाया जा सके। 
फिर हमने देखा कि दुनिया भर में ही 11 अक्टूबर को बालिका दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया, ताकि बच्चियों को और उनके हितों को संरक्षण दिया जा सके। 

Credits: Pinterest

इससे एक भूली-बिसरी बात नए सिरे से याद हो उठती है, जो कि प्रख्यात लेखिका सिमोन द बोउवार ने बरसों पहले ही कह दी थी कि स्त्री का चेहरा पूरी दुनिया में एक सा है। बच्चियों और महिलाओं से जुड़ी जाने कितनी ही ऐसी समस्याएं हैं, जो न सिर्फ़ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को समान रूप से चुनौती दे रही हैं। उन्हीं के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

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International Day of the Girl Child

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत कनाडा के एक ग़ैर सरकारी संगठन ग्लोबल चिल्ड्रैन चैरिटी द्वारा की गई थी, जिसकी रूपरेखा ‘प्लान इंटरनेशनल’ प्रोजेक्ट के रूप में बनाई गई थी। बच्चियों की उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए एक विशेष टाइटल के अंतर्गत यह शुरुआत हुई थी- ‘क्योंकि मैं एक लड़की हूं।’
इसी संगठन द्वारा शुरू किए गए ‘प्लान इंटरनेशनल’ से जुड़े कुछ सदस्यों ने इस विषय में कनाडा की फेडरल सरकार को विश्वास में लेते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा की स्वीकृति प्राप्त कर ली और 19 दिसंबर, 2011 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से इस बात की घोषणा कर दी कि 11 अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन को विधिवत मनाने की शुरुआत साल 2012 से हुई थी। इस दिन के साथ हर साल एक थीम जुड़ जाती है। इस साल, यानी 2021 की थीम है- डिजिटल जेनरेशन, ऑवर जेनरेशन, यानी डिजिटल पीढ़ी, हमारी पीढ़ी। 


शिक्षा, स्वास्थ्य, कानूनी अधिकार, संपत्ति का अधिकार, बाल विवाह, मातृत्व संबंधी असुरक्षा, लैंगिक भेदभाव, बलात्कार, यौन हिंसा, यौन शोषण जैसे इतने सारे मुद्दों पर पूरे विश्व को एक स्वर प्रदान किया जा सके, इसी की तरफ़ कदम बढ़ाने का नाम है, अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस।
अब ये तो थी इस दिन की अहमियत और इतिहास की बात, लेकिन अगर हम अपने अनुभवों के आधार पर गहराई में देखें तो स्थिति आज भी बहुत सुखद नहीं है, जबकि इस बारे में प्रयास करते हुए लगभग नौ-दस साल तो हो ही गए हैं। वास्तव में यह जितना गंभीर संकट है, उसके समाधान के लिए हम कोई तयशुदा समयसीमा तय करके घड़ी या कैलेंडर पर नज़र टिकाए नहीं बैठ सकते, सिर्फ़ प्रयास कर सकते हैं, क्योंकि समाज में बदलाव से पहले अपने नज़रिये में बदलाव की ज़रूरत ज़्यादा बड़ी है।

पहले जब बचपन में लाड़ में कोई बड़ा-बुजुर्ग ‘बेटा’ कहकर पुकारा करता था तो बड़ा अच्छा लगता था, लेकिन जब आज सोचते हैं तो अजीब लगता है कि पैदा ही जब ‘बेटी’ बनकर हुए हैं तो बिटिया बने रहने में क्या हर्ज है! एक लड़की को अगर सही शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और समान अवसर मिलें तो क्या वह किसी से भी कम है! जब हम अपने समाज को देखते हैं तो लगता है कि संस्कार देने की ज़रूरत लड़कियों से ज़्यादा लड़कों को है, क्योंकि लड़के संस्कारित रहेंगे, तभी लड़कियां सुरक्षित रह पाएंगी। 

ये भी अच्छा संयोग है कि आज हम ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मना रहे हैं और दो-तीन दिन में हम ‘कन्या पूजन’ भी करने वाले हैं। तब कन्याओं का सम्मान करते हुए हम उनके चरण तक पखारेंगे। असल में किसी कन्या को सम्मानित करने का इससे अच्छा ढंग और क्या हो सकता है कि उसे हर रोज़ ‘देवी’ न मानकर सिर्फ़ इंसान-भर मान लें और वही सुविधा, सुरक्षा और प्यार दें, जो हमेशा बेटों के हिस्से आता रहा है।

The custom of kanya pooja 

कोई एक दिन बदलाव नहीं लाता है, लेकिन बदलाव की शुरुआत ज़रूर बन सकता है। 
सो अगली बार अपने लिए ‘बेटा’ संबोधन सुनकर खुश होने की बजाय कहिएगा कि मैं बिटिया हूं! नज़रिया बदलिए, नज़ारा अपने-आप बदल जाएगा!
 

Rocky Verma
Rocky Verma
928 Days Ago
❤️
Himanshu Bisht
Himanshu Bisht
927 Days Ago
?
Samaksh Rajput
Samaksh Rajput
927 Days Ago
Sakshi Tickoo
Sakshi Tickoo
927 Days Ago
??
Umesh
Umesh
927 Days Ago
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Palak Nagar
Palak Nagar
927 Days Ago
Clean article ?
Alvira Nasir
Alvira Nasir
927 Days Ago
Beautiful writing